नई दिल्ली, क्रिकेट इतिहास में कभी-कभी ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए हमेशा यादगार रहती हैं। 6 फरवरी 2025 को एक ऐसी ही घटना घटी, जब जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के नवोदित खिलाड़ी Jonathan Campbell को अचानक आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे की कप्तानी करने का अवसर मिला। यह अवसर उन्हें तब मिला जब नियमित कप्तान क्रेग एर्विन पारिवारिक आपात स्थिति के कारण टेस्ट से हट गए।
Jonathan Campbell को मिली कप्तानी की जिम्मेदारी
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Jonathan Campbell के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर था। 27 वर्षीय कैंपबेल को अपने टेस्ट क्रिकेट डेब्यू से पहले ही जिम्बाब्वे की कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि क्रेग एर्विन की अनुपस्थिति में कैंपबेल टीम का नेतृत्व करेंगे। जॉनथन कैंपबेल को घरेलू स्तर पर एक सिद्ध नेता के रूप में जाना जाता है और उनकी हालिया फॉर्म भी शानदार रही है।
इतिहास में नाम दर्ज करने वाला कदम
Jonathan Campbell जिम्बाब्वे के लिए टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने वाले दूसरे खिलाड़ी बने हैं। इससे पहले, 1992 में डेव हॉटन ने भारत के खिलाफ जिम्बाब्वे के पहले टेस्ट मैच में टीम का नेतृत्व किया था। यह कैंपबेल के लिए एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि वह पिछले 50 वर्षों में टेस्ट डेब्यू के समय कप्तानी करने वाले तीसरे खिलाड़ी बने हैं। इससे पहले, नील ब्रांड (2024) और ली जर्मेन (1995) भी अपनी टेस्ट कप्तानी के दौरान इस विशेष सूची में शामिल हुए थे।
Jonathan Campbell का क्रिकेट करियर
Jonathan Campbell का क्रिकेट करियर अब तक शानदार रहा है। उन्होंने 34 प्रथम श्रेणी मैचों में 1,913 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक भी शामिल हैं। इसके अलावा, एक उपयोगी लेग स्पिनर के रूप में उन्होंने 42 विकेट भी लिए हैं। उनका प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन रहा है, और यह कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनका आत्मविश्वास और बढ़ा होगा।
Jonathan Campbell ने मई 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने टी20ई करियर की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने 24 गेंदों पर 45 रन बनाए थे। इसके अलावा, उन्होंने 9 टी20 मैचों में 123 रन बनाए हैं और लिस्ट ए क्रिकेट में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है।
कैंपबेल के पिता एलिस्टेयर का योगदान
Jonathan Campbell के पिता, एलिस्टेयर कैंपबेल भी जिम्बाब्वे क्रिकेट के इतिहास में एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने जिम्बाब्वे के लिए 60 टेस्ट और 188 एकदिवसीय मैच खेले और 1992 से 2003 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 8,000 से अधिक रन बनाए। अपने पिता की छाया में क्रिकेट खेलने के बावजूद, जॉनथन ने अपनी अलग पहचान बनाई है और अब टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने का मौका पाया है।
नवोदित कप्तान के लिए भविष्य की उम्मीदें
Jonathan Campbell के लिए यह कप्तानी का मौका उनके करियर में एक नया अध्याय साबित हो सकता है। क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण और कठिन मेहनत का परिणाम यह है कि उन्हें इतना बड़ा अवसर मिला है। अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कप्तानी के दौरान किस तरह का प्रदर्शन करते हैं और जिम्बाब्वे टीम को किस दिशा में ले जाते हैं।