Vladimir Putin से मुलाकात पर बढ़ा विवाद: फिको ने यूरोपीय नेताओं को दिया झटका!
नई दिल्ली, स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने अचानक मास्को का दौरा कर रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin से मुलाकात की। यह यात्रा खासतौर पर ध्यान खींचने वाली थी क्योंकि फिको सिर्फ तीसरे पश्चिमी नेता हैं जिन्होंने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पुतिन से मुलाकात की। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य स्लोवाकिया को रूसी गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करना था।
गैस आपूर्ति पर चर्चा
फिको ने Vladimir Putin के साथ स्लोवाकिया तक ऊर्जा पहुंचाने के लिए रूसी गैस दिग्गज गाज़प्रोम के साथ समझौते पर चर्चा की, जो इस साल के अंत में समाप्त हो रहा है। स्लोवाकिया की अर्थव्यवस्था काफी हद तक रूसी गैस पर निर्भर है, इसलिए इस बातचीत को देश के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
यूरोपीय नेताओं की आलोचना
फिको की इस यात्रा ने यूरोपीय संघ के कई नेताओं और स्लोवाकिया के विपक्षी दलों को नाराज कर दिया है। चेक गणराज्य के विदेश मंत्री जान लिपावस्की ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने रूस से ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल कर ली है, और वे उन यूक्रेनी परिवारों के बारे में सोच रहे हैं जो युद्ध के कारण अपने प्रियजनों के साथ क्रिसमस नहीं मना सकते।
घरेलू विपक्ष की नाराजगी
स्लोवाकिया में प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी के नेता मिशल सिमेका ने इस यात्रा को राष्ट्रीय हितों के साथ विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि फिको ने अपने देश को रूसी प्रचार का एक साधन बना दिया है।
यूक्रेन संकट पर चर्चा
फिको ने अपनी फेसबुक पोस्ट में बताया कि उन्होंने पुतिन के साथ यूक्रेन में चल रही सैन्य स्थिति और युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। यह बैठक ऐसे समय हुई जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं को बताया कि रूस यूक्रेन के क्षेत्र से गैस पाइपलाइन के जरिए आपूर्ति को लेकर विरोध जारी रखेगा।
स्लोवाकिया की बदलती नीति
स्लोवाकिया और हंगरी दोनों देशों ने रूसी गैस आपूर्ति में बाधा की संभावना को लेकर चिंता जताई है। अक्टूबर 2023 में, जब फिको ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तो उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता देना बंद कर दिया। हालांकि, उन्होंने कीव के साथ एक दोस्ताना रिश्ता बनाए रखने की बात दोहराई।
यूरोपीय सुरक्षा पर बढ़ता खतरा
इस यात्रा के बाद, फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने कहा कि रूस यूरोपीय संघ के लिए “स्थायी और खतरनाक खतरा” बना हुआ है। उन्होंने यूक्रेन के लिए रक्षा खर्च बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।