नई दिल्ली, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जगह बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमें लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में आमने-सामने थीं। यह मैच दोनों टीमों के लिए बेहद अहम था, क्योंकि जीतने वाली टीम को ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश मिलना था। लाहौर की पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जा रही थी, ऐसे में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
केन विलियमसन और रचिन रवींद्र ने दिखाया दम
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न्यूजीलैंड की ओर से कप्तान केन विलियमसन और युवा बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने शानदार प्रदर्शन किया। दोनों ने शतक जड़कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। रवींद्र ने जहां आक्रामक बल्लेबाजी की, वहीं विलियमसन ने अपनी क्लासिक स्टाइल में टिककर खेलते हुए रन बनाए। इन दोनों की शतकीय पारियों की बदौलत न्यूजीलैंड की टीम ने मैच में अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
Tom Latham का खराब फॉर्म जारी
न्यूजीलैंड के अनुभवी बल्लेबाज Tom Latham का खराब फॉर्म इस बड़े मुकाबले में भी जारी रहा। पहले मैचों में भी वह ज्यादा रन नहीं बना सके थे और इस सेमीफाइनल में भी वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। जब टीम को उनसे एक अच्छी पारी की जरूरत थी, तब वह मात्र 5 गेंदों में 4 रन बनाकर आउट हो गए।
कैगिसो रबाडा की घातक गेंदबाजी ने किया लैथम का शिकार
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कैगिसो रबाडा ने अपनी घातक गेंदबाजी से न्यूजीलैंड को बड़ा झटका दिया। उन्होंने Tom Latham को शानदार अंदाज में क्लीन बोल्ड किया। रबाडा ने ऑफ और मिडिल स्टंप के पास एक बेहतरीन लेंथ पर सीम-अप डिलीवरी डाली। Tom Latham ने इस पर स्कूप शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद से पूरी तरह चूक गए। नतीजा यह हुआ कि गेंद सीधे स्टंप्स से टकरा गई और लैथम को पवेलियन लौटना पड़ा।
न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी में आया झटका
Tom Latham के जल्दी आउट होने से न्यूजीलैंड को बड़ा झटका लगा। उनकी विकेट के बाद दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने और भी आक्रामक गेंदबाजी शुरू कर दी। हालांकि, केन विलियमसन और रचिन रवींद्र के बेहतरीन शतकों ने न्यूजीलैंड को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में मदद की।
क्या दक्षिण अफ्रीका बना पाएगा फाइनल में जगह?
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या दक्षिण अफ्रीका इस लक्ष्य को हासिल कर फाइनल में जगह बना पाएगा? न्यूजीलैंड ने बड़ा स्कोर खड़ा किया है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम भी मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप के साथ उतरी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रबाडा और उनके साथी गेंदबाज अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाने में सफल हो पाएंगे या नहीं।