Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain | हिन्दी व्याकरण के अनुसार संज्ञा के भेद

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दोस्तों इस आर्टिकल का विषय है Sangya ke kitne bhed hote hain हम इस लेख में संज्ञा और उसके भेद के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं। संज्ञा को अंग्रेजी भाषा में Noun कहा जाता है।

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Sangya ke kitne bhed hote hain (संज्ञा के भेद)

हिन्दी व्याकरण के अनुसार संज्ञा के 3 भेद होते हैं:

1. जातिवाचक संज्ञा

2. भाववाचक संज्ञा

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3. व्यक्तिवाचक संज्ञा

लेकिन अंग्रेजी व्याकरण (English Grammar) के अनुसार जातिवाचक संज्ञा में दो नए भेदों को भी मान्यता दी गई है। अंग्रेजी व्याकरण के अनुसार समूहवाचक और द्रव्यवाचक को जातिवाचक संज्ञा में जोड़ा गया है:

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4. समूहवाचक संज्ञा (समुदायवाचक संज्ञा)

5. द्रव्यवाचक संज्ञा

इस तरह हिन्दी और अंग्रेजी व्याकरण को मिला कर हम कह सकते हैं कि संज्ञा के 5 भेद होते हैं:

  1. जातिवाचक संज्ञा
  2. भाववाचक संज्ञा
  3. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा (समुदायवाचक संज्ञा)
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा

संज्ञा किसे कहते हैं (Noun)

जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव या क्रिया के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो किसी भी जीवित, अजीवित वस्तु, भाव या किसी भी काम के नाम को संज्ञा कहते है।

उदाहरण: बीमारी, घर, कान, माता, पिता, पेड़ आदि संज्ञा है।

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हिन्दी व्याकरण में संज्ञा के 3 भेद होते हैं जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा।

1. जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)

जो शब्द किसी प्राणी, वस्तु, स्थान आदि की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, वे जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। आसान भाषा में बात करे तो किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान की पूरी जाति बताने वाले शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

उदाहरण: बेटा, तुम अपने मित्र के साथ घर चले जाओ।

इस वाक्य में बेटा, मित्र और घर जातिवाचक संज्ञा है।

2. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)

किसी गुण, दोष, अवस्था, मन के भाव आदि का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। मतलब वो शब्द जो आपके इमोशंस (भाव) बताते हो उन्हे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण: हितेन को उसके माता पिता ने ईमानदारी और सच्चाई की शिक्षा दी है।

इस वाक्य में ईमानदारी और सच्चाई भाववाचक संज्ञा है।

आशा करते है हमारे आर्टिकल Sangya ke kitne bhed hote hain में आपको अच्छी जानकारी मिल रही होगी तो आईऐ जानते हैं संज्ञा के और भेद।

3. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)

किसी विशेष प्राणी, वस्तु, स्थान आदि के नाम का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण: विवेक और कबीर शताब्दी रेल द्वारा मेघालय घूमने गए।

इस वाक्य में विवेक, कबीर, शताब्दी, रेल, मेघालय आदि व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।

तो दोस्तों हमारे इस आर्टिकल Sangya ke kitne bhed hote hain में हमने आपको संज्ञा के तीनों भेद बता दिए है। अब हम आपको जातिवाचक संज्ञा के 2 नए भेदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

Jativachak sangya ke kitne bhed hote hain (जातिवाचक संज्ञा के भेद)

संज्ञा के तीन भेद में पहले स्थान पर जातिवाचक संज्ञा को बताया गया है। इस जातिवाचक संज्ञा के भी 2 भेद हैं।

  1. समूहवाचक संज्ञा (समुदयवाचक संज्ञा)
  2. द्रव्यवाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)

यह संज्ञा सबसे सरल संज्ञा है। जिन संज्ञा शब्दों से एक ही जाति के व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। समूहवाचक संज्ञा को समुदयवाचक संज्ञा भी कहा जाता है।

उदाहरण: मेरे परिवार में छह सदस्य हैं।

इस वाक्य में, छह समूहवाचक संज्ञा है।

द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)

जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं आसान शब्दों में कहें तो खाने पीने की कोई चीज़ या कोई धातु को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण: दो किलो चने की दाल तोल दीजिए

इस वाक्य में दाल द्रव्यवाचक संज्ञा है।

संज्ञा के दो भाग

हिन्दी व्याकरण में संज्ञा को 2 भागों में विभाजित किया गया है:

  1. अर्थ के आधार पर
  2. व्युत्पत्ति के आधार पर

अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद

जैसा कि हमने इस लेख की शुरूआत में ही बताया था कि संज्ञा के 5 भेद होते हैं, उन्हे ही अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद कहा जाता है, जो इस प्रकार हैं।

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा

व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद

व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के 3 प्रकार है:

  1. यौगिक शब्द
  2. रूढ़ शब्द
  3. योगरूढ़ शब्द
  1. यौगिक शब्द दो या दो से ज्यादा शब्दों के मेल से बने हुए होते है। जैसे:

राज + माता = राजमाता

रसोई + घर = रसोईघर

2. रूढ़ शब्द वो शब्द होते है जिनका हम खंड या जिन शब्दों को हम तोड़ नही सकते। उदाहरण के लिए: गंगा, नदी

3. योगरूढ़ शब्द वो शब्द होते हैं जो होते तो यौगिक शब्द है लेकिन उनका अर्थ/मतलब रूढ़ होता है। जैसे: चारपाई और जलज। चारपाई का अर्थ होता है खाट लेकिन हम शब्द का खंड नहीं कर सकते है। जलज अर्थात कमल अगर हम कमल शब्द का खंड करेंगे तो उसका कोई अर्थ ही नहीं रहेगा। ऐसे शब्दों को ही योगरूढ़ शब्द कहते हैं।

उम्मीद करते है हमारे आर्टिकल Sangya ke kitne bhed hote hain में आपकी सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा।

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Source : Wikipedia

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